1. १. विद्युत् क्षेत्र से सरकार का एकाधिकार ख़त्म करना. 2. विद्युत् क्षेत्र में कणों की इस प्रकार की गति धन-विद्युत्-संचारण कहलाती है।3. विद्युत् क्षेत्र में कणों की इस प्रकार की गति धन-विद्युत्-संचारण कहलाती है।4. विद्युत् क्षेत्र के तीव्र परिवर्तन के कारण अचालक वस्तु की अणु-सरंचना में भी वैसे ही परिवर्तन होने लगते हैं।5. विद्युत् क्षेत्र के तीव्र परिवर्तन के कारण अचालक वस्तु की अणु-सरंचना में भी वैसे ही परिवर्तन होने लगते हैं।6. इसलिए एक विद्युत् क्षेत्र में रखने पर यह ख़ास दिशाओं मेंइलेक्ट्रोडों की तरफ अपने आवेश के अनुरूप दौड़तें हैं. 7. पूरा उपकरण धातु के एक बक्स में बंद रहता है, इससे वह वाह्य विद्युत् क्षेत्र के प्रभाव से बचा रहता है। 8. यानी विद्युत् क्षेत्र का दोलन, चुम्बकीय क्षेत्र का दोलन और तरंग की गति दिशाएँ परस्पर लम्बवत बनी रहतीं हैं । 9. यह देखते हुए कि रमन तीव्रता विद्युत् क्षेत्र के समानुपातिक होते हैं, इसलिए मापे गये संकेत में भारी वृद्धि (1011 तक) होती है. 10. शार्क में विद्युत् क्षेत्र (ऍलॅक्ट्रिक फ़ील्ड) में परिवर्तन भांपने का इन्द्रियबोध होता है जिसका इस्तेमाल वह अपना ग्रास पकड़ने के लिए करती है